
भागवत कथा के श्रवण से होता है पापों का नाश : भारत भूषण जी महाराज
उदवंतनगर। भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के जीरो माइल एकौना मोड़ स्थित वास्तु विहार के नर्मदेश्वर महादेव के प्रांगण में मंगलवार से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा व ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन श्रीमद् सनातन शक्तिपीठाध्यक्ष आचार्य (डॉ) भारत भूषण जी महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के वाचन व श्रवण से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। संसार दु:खों का सागर है। प्रत्येक प्राणी किसी न किसी तरह से दुःखी व परेशान है। कोई स्वास्थ्य से दुःखी है, कोई परिवार, कोई धन, तो कोई संतान को लेकर परेशान है। सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की आराधना ही एकमात्र सरलतम मार्ग है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन का कुछ समय हरिभजन में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा वह अमृत है, जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वत: ही नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को एकाग्र होकर मन, बुद्धि, चित को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। उन्होंने महापापी धुंधकारी के उद्धार की कथा सुनाई। अपने कुकर्मों के फलस्वरूप वह प्रेत बन गया और भूख प्यास से व्याकुल रहने लगा। एक दिन व्याकुल धुंधुकारी अपने भाई गोकर्ण के पास पहुंचा और संकेत रूप में अपनी व्यथा सुनाई।गोकर्ण ने धुंधुकारी के लिए गया श्राद्ध किया लेकिन वह निष्फल रहा। अंत में सूर्य नारायण के निर्देश पर गोकर्ण ने उसे श्रीमद्भागवत कथा सुनाई। जिसके श्रवण व मनन से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। आयोजनकर्ताओं में अध्यक्ष गणेश सिंह, संयोजक आशुतोष कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष विश्वामित्र शुक्ल, नितेश मिश्र पैक्स अध्यक्ष अरविन्द सिंह, ज्योति विनय सिंह, जीतेन्द्र सिंह, हरेंद्र सिंह, दीपू , सोनू, राज मुख्य थे।